Detailed Notes on Shodashi
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Oh Lord, the learn of universe. You would be the eternal. You are definitely the lord of each of the animals and all the realms, you happen to be The bottom with the universe and worshipped by all, with no you I'm not one person.
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
Charitable acts for example donating food stuff and clothing to your needy are integral to the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate aspect of the divine.
On strolling in direction of her ancient sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her ability raises in depth. Her templed is entered by descending down a darkish slim staircase having a group of other pilgrims into her cave-llike abode. There are various uneven and irregular techniques. The subterranean vault is incredibly hot and humid and yet there is a feeling of protection and and safety within the dim mild.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥२॥
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन more info से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
श्रींमन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥
Lalita Jayanti, a major Competition in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship situations like darshans and jagratas.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram