Top Shodashi Secrets
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Kadi mantras are regarded as probably the most pure and are sometimes utilized for better spiritual methods. They can be connected to the Sri Chakra and are considered to bring about divine blessings and enlightenment.
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
The Devas then prayed to her to damage Bhandasura and restore Dharma. She's believed to obtain fought the mom of all battles with Bhandasura – some Students are of your watch that Bhandasura took different kinds and Devi appeared in different sorts to annihilate him. Eventually, she killed Bhandasura With all the Kameshwarastra.
On going for walks toward her historic sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electricity improves in intensity. Her templed is entered by descending down a dim narrow staircase which has a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are numerous uneven and irregular steps. The subterranean vault is sizzling and humid and nonetheless There exists a emotion read more of protection and and protection inside the dim mild.
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।